Author: Kishore Kumar

Spiritual journalist & Founding Editor of Ushakaal.com

लाखों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए, आयुष मंत्रालय ने आठ लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कीं, जिससे महाकुंभ मेले के दौरान उनकी पवित्र यात्रा सुरक्षित और स्वस्थ रही।आयुष मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, 20 आयुष ओपीडी स्थापित करने से लेकर मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों की तैनाती तक, 90 से अधिक डॉक्टर और 150 स्वास्थ्यकर्मी पूरे भव्य आध्यात्मिक आयोजन के दौरान निरंतर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए अथक प्रयास किया गया था। इन समर्पित प्रयासों ने सुनिश्चित किया कि भक्त, कल्पवासी और संत बिना किसी स्वास्थ्य संबंधी चिंता के पवित्र…

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योग की जितनी भी शाखाएं हैं, सबका आधार शिव-पार्वती संवाद ही है। विज्ञान भैरव तंत्र के मुताबिक इसी रात्रि को मानव जाति के कल्याण के लिए, आत्म-रूपांतरण के लिए शिव ने अपनी प्रथम शिष्या पार्वती को एक सौ बारह विधियां बताई थी, जो योग शास्त्र के आधार हैं। इसके बाद ही मत्स्येंद्रनाथ का प्रादुर्भाव हुआ। शिष्य गोरखनाथ और नाथ संप्रदाय ने योग का जनमानस के बीच प्रचार किया। इस तरह पाशुपत योग के रूप में हठयोग, राजयोग, भक्तियोग, कर्मयोग आदि से आमजन परिचित हुए। योग और अध्यात्म के आलोक में महाशिवरात्रि की समझ विकसित करना बड़े काम का होगा।महाशिवरात्रि का…

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इस्कॉन (अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ) के वरिष्ठ संन्यासी और प्रचारक इंद्रद्युम्न स्वामी की आत्मकथा “एडवेंचर्स ऑफ ए ट्रैवलिंग मॉंक” चर्चा में है। इस पुस्तक में स्वामी जी के वैश्विक प्रचार और आध्यात्मिक यात्राओं की यादें हैं। उनके 52 वर्षों के अनुभव, विभिन्न देशों में भक्ति प्रचार, उत्सवों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और इस्कॉन के संदेश को फैलाने के प्रयासों का जीवंत चित्रण किया गया है।वे अपने गुरु श्रील प्रभुपाद के निर्देशानुसर विभिन्न महाद्वीपों में कृष्णभावनामृत का प्रचार करते रहे और भक्ति योग, कीर्तन और सत्संग के माध्यम से आध्यात्मिक संदेश फैलाते रहे। यात्रा के दौरान नाना प्रकार की चुनौतियों के बावजूद अफ्रीका, यूरोप,…

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दुनिया का विशालतम आध्यात्मिक संगम यानी प्रयागराज महाकुंभ अब समापन की ओर है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से कहना होगा यह महाकुंभ आत्मा की अनंत शक्ति का प्रकटीकरण है। विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और देशों के लोगों का एक मंच आ जाने से भारत की इस मान्यता को बल मिला कि वह अपनी प्राचीन परंपराओं को आधुनिकता के साथ जोड़कर एक समृद्ध और शक्तिशाली समाज का निर्माण करने में सक्षम है। भारत की आध्यात्मिक शक्ति का असर देखिए कि महाकुंभ में करोड़ों भारतीयों के अलावा बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालुओं ने भी हिस्सा लिया। 82 देशों के मीडिया ने इसे कवर करके मानव…

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महाकुंभ मेले के दिव्य वातावरण में, आफ्टरनून वॉइस की संस्थापक संपादक वैदेही तमन की नवीनतम पुस्तक “मोनास्टिक लाइफ: इंस्पायरिंग टेल्स ऑफ एंब्रेसिंग मॉकहुड” का विमोचन किया गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर डॉ. उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज सहित अनेक संतों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इसे आधुनिक आध्यात्मिक साहित्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बना दिया।पुस्तक का अनावरण करते हुए महामंडलेश्वर डॉ. उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज ने इसे असाधारण व्यक्तियों की आध्यात्मिक यात्रा का गहन प्रतिबिंब” बताया। साथ ही कहा, “यह पुस्तक दर्शाती है कि सच्चे आध्यात्मिक साधक के निर्माण में शिक्षा और ज्ञान कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जो लोग…

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आज अनेक देशों में युद्ध, सांप्रदायिक हिंसा और लैंगिक असमानता जैसी समस्याएँ बनी हुई हैं। ऐसे में रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाएं बड़े काम की हैं। युगदृष्टा और परमज्ञानी रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाएं केवल धार्मिक उपदेश भर नहीं हैं, बल्कि वे एक जीवन शैली को दर्शाती हैं, जो आधुनिक युग की जटिलताओं के बीच भी शांति, प्रेम और सहिष्णुता का मार्ग दिखाती हैं। साथ ही हर व्यक्ति को आत्मिक उत्थान और समाज में सकारात्मक योगदान देने की प्रेरणा देती हैं।हमने हाल ही देखा कि प्रसिद्ध तेलुगु फिल्म अभिनेता चिरंजीवी में किस तरह पितृसत्ता का भाव गहराई से जमा हुआ है। तभी…

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एबॉट इंडिया नाम से तो हम सब वाकिफ हैं ही। चिकित्सकीय उत्पादों का निर्माण करने वाली इस कंपनी ने लोगों के आहार-व्यवहार के कारण पाचन संबंधी समस्याओं और उससे उत्पन्न खतरों को लेकर देशव्यापी सर्वेक्षण करवाई तो पता चला कि गैर महानगरों की तुलना में महानगरों के ज्यादा लोग पाचन संबंधी समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं और इस वजह से मधुमेह, मानसिक विकास और हृदय रोग जैसी बीमारियों का जन्म हो रहा है। सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार गैर महानगरों के 19 फसदी की तुलना में महानगरों के 23 फीसदी लोग कब्ज पीड़ित रहते हैं।आयुर्वेद शास्त्र में ज्यादातर बीमारियों…

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साधु-संन्यासियों की संगठित फौज नहीं, उनका कोई नगर नहीं, राजधानी नहीं….यहां तक कि ज्ञात किला भी नहीं। पर ये लड़ाकू साधु-संन्यासी अंग्रेजी फौज से दो-दो हाथ करने से नहीं घबड़ातें। उन्हें धूल चटा देते हैं….। कलकत्ते में बैठकर पूरे देश पर नियंत्रण बनाने का ख्वाब रखने वाले गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को ये बातें बेहद परेशान करती थीं। वे कई बार साधु-संन्यासियों की हरिध्वनि से वे कांप जाते थे। उनके सिपाही भी भयभीत रहने लगे थे। ”वंदे मातरम्…” गीत के रचयिता कवि-उपन्यासकार बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय के कालजयी उपन्यास “आनंदमठ” में अठारहवीं सदी के उत्तरार्द्ध का यह वृतांत बड़ी खूबसूरती से प्रस्तुत…

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योग और अध्यात्म की दृष्टि से जनवरी महीने की बड़ी अहमियत है। अपने वेदांत दर्शन के कारण दुनिया में भारत का मान बढ़ाने वाले सर्वकालिक संत स्वामी विवेकानंद और योगबल की बदौलत दुनिया को चमत्कृत करने वाले आधुनिक युग के वैज्ञानिक योगी महर्षि महेश योगी की जयंती इस महीने में एक ही दिन यानी 12 जनवरी को मनाई जाती है। उनकी शिक्षा की प्रासंगिकता बनी ही रहती है। चाहे युवा-शक्ति के अभ्युत्थान की बात हो या फिर बंगाल में 1899 में आए प्लेग से उत्पन्न पीड़ाएं, स्वामी विवेकानंद अपना अनुभव साझा करते हुए कहते थे – “सजगता की शक्ति ऐसी है कि…

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