Author: Kishore Kumar

Spiritual journalist & Founding Editor of Ushakaal.com

नई दि्लली। महज तीन दिनों की योग साधना और योगाभ्यासियों को विशेष अनुभूति का अहसास। यह परिघटना असाधारण है। यह सब कुछ घटित हुआ विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय के तीन दिवसीय योग साधना शिवर में, जो 2-4 अगस्त तक दिल्ली के छत्तरपुर में आयोजित किया गया था। वरिष्ठ संन्यासी स्वामी शिवराजानंद सरस्वती शिविर में “सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया” के मनोभाव से शास्त्रसम्मत और बीसवीं सदी के महान संत परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती द्वारा शोधित शुद्ध योग का प्रचार करने के लिए गए थे और उनकी भावना फलीभूत हो गई। प्रभावशाली योग विधियां, उनके बारे में ओजपूर्ण व्याख्यान…

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किशोर कुमार //अद्भुत! जीव-जंतुओं में भी ईश्वर का प्रतिरूप और उसकी पूजा! इसका मर्म वे क्या जानेंगे, जो जड़ों से कट गए और भारत को सपेरों का देश मानने लगे थे। पर, भारत जैसा आध्यात्मिक देश तो अपनी जड़ों से मजबूती से जुड़ा हुआ है। वह जिस तरह राम और रावण में फर्क जानता है, उसी तरह नाग के गुण-दोष को भी समझता है। उसे मालूम है कि वासुकि नाग में विष भरा है तो अमृत निकालने के काम भी वही आता है। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। त्रिगुणायत मानवों को ही देख लीजिए। उसमें एक तरफ शील…

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किशोर कुमार // चिकित्सा विज्ञान ने भी बिहार योग या सत्यानंद योग का लोहा मान लिया है। इस योग के प्रवर्तक और बिहार योग विद्यालय के संस्थापक परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती के योग से रोग भगाने संबंधी अनुसंधानों को आधार बनाकर अगल-अलग देशों के चिकित्सकों व चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों ने अध्ययन किया और स्वामी जी के शोध नतीजों को कसौटी पर सौ फीसदी खरा पाया। बिहार के मुंगेर स्थित विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय की स्थापना के 50 साल पूरे होने पर मुंगेर में 2013 में विश्व योग सम्मेलन हुआ तो उसमें भी बिहार योग या सत्यानंद योग पर वैज्ञानिक…

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किशोर कुमार // योग की बढ़ती स्वीकार्यता के बीच अनेक स्तरों पर उसकी व्याख्या गलत ढ़ंग से कर दी जा रही है। हाल यह है कि महर्षि घेरंड और महर्षि स्वात्माराम द्वारा प्रतिपादित योग की प्रक्रिया को कई बार महर्षि पतंजलि का बता दिया जाता है। इतना ही नहीं, योग के स्वयंभू अगुआ कई प्रकार के व्यायाम को राज योग और राज योग को हठ योग बताने में भी पीछे नहीं रहते। आज महर्षि पतंजलि के नाम पर जो आसन कराया जाता है, उसे राज योग कह दिया जाता है, जबकि वह हठ योग है और योग की यह प्रक्रिया महर्षि पतंजलि की…

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किशोर कुमार // भगवान शिव को सर्वाधिक प्रिय सावन महीने में आदियोगी शिव-पार्वती संवाद, एक मछली का पुनर्जन्म मत्स्येंद्रनाथ के रूप में होना और हठयोग व नाथ संप्रदाय की चर्चा किसी न किसी रूप में हो ही जाती है। शिव संहित से लेकर शैवागमों तक में उल्लेख है कि भगवान शिव ने सबसे पहले माता पार्वती को ही योग की शिक्षा दी थी, जिनमें हठयोग से लेकर ध्यान तक की यौगिक विधियां शामिल हैं। यहां बात हठयोग की होगी। पर, पहले शिव-पार्वती संवाद, जो युवापीढ़ी के लिए अमृत समान है। कथा है कि भगवान शिव पार्वती जी को बतला…

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किशोर कुमार // बीसवीं सदी के महान संत स्वामी शिवानंद भगवान शिव को प्रिय सावन महीने और भक्ति की बात आते ही अपने शिष्यों को किसी पूरन चंद की कथा जरूर सुनाते थे। बताते, पूरन चंद वांछित फल पाने के लिए आध्यात्मिक साधनाएं किया करता था। पर लंबे समय में कोई फल न मिलता दिखा तो गुरु की शरण में पहुंच गया। कहने लगा, “नारायण की मूर्ति की छह महीने पूजा की। कोई लाभ नहीं हुआ। कृपया कोई अधिक शक्तिशाली उपाय बताइए।” गुरु ने पूरन को शिव की मूर्ति देते हुए कहा, “शिव पंचाक्षर मंत्र, ‘ॐ नमः शिवाय’ की साधना…

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Astrology is a method of predicting mundane events based upon the assumption that the celestial bodies—particularly the planets and the stars considered in their arbitrary combinations or configurations (called constellations)—in some way either determine or indicate changes in the sublunar world

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