Author: Kishore Kumar

Spiritual journalist & Founding Editor of Ushakaal.com

होलिका दहन और होली की पौराणिक कथाएं तो हम सब जानते हैं। पर, आध्यात्मिक नजरिए से होलिका दहन आंतरिक अज्ञानता को जलाने का प्रतीक है। यानी बुरी आदतों का परित्याग और सकारात्मक बदलावों की ओर अग्रसर होना। पूर्व के कुछ काल-खंडों में ऐसी परंपरा रही है कि लोग होलिका दहन को क्रोध, ईर्ष्या, चिंता, आलस्य, व्यसन आदि को होलिका की आग में जलाने का संकल्प लेते थे। आत्म-शुद्धि के लिए इसे जरूरी माना जाता था। योगशास्त्र में ऐसे परिणाम लेने के लिए अलग उपाय बतलाए गए हैं। वैज्ञानिकों ने कोई उपाय तो नहीं बताए। परन्तु, साबित कर दिखाया कि ऐसे…

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रंग है, गुलाल है। मस्ती है, आनंद है। सतरंगी उत्सव है, उल्लास का महोत्सव है। तभी ब्रज की मस्ती भरी होली हो, महाराष्ट्र की मटकी होली हो या बरसाने की लट्ठमार होली, सभी का अंतर्निहित भाव एक है। वह है – आत्मा का परमात्मा से मिलन। इसे ही बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी देखा जा सकता है। शास्त्रों में उल्लेख है और संत-महात्मा अपने अनुभवों के आधार पर कहते रहे हैं कि सात्विक गुणों में अभिवृद्धि होती है तो अंतर्मन में प्रेम और श्रद्धा का दीपक जलता है। ऐसे मन में ही आनंद का आविर्भाव होता है और जीवन उत्सव बन…

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क्या भगवान का अस्तित्व है? जिस देश को कभी सपेरों का देश कहा जाता था, वहां के लोग बिना देरी किए हां में उत्तर दे तो बात समझ में आती है। पर, इस बार बारी है हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ विली सून की। उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में लंबे समय तक गणितीय आधार पर शोध किया और इस निष्कर्ष पर हैं कि भगवान का अस्तित्व है। वे कहते हैं कि ब्रह्मांड की संरचना और उसमें मौजूद संतुलन इतना सटीक है कि यह संयोग मात्र नहीं हो सकता। यह जागरूक बुद्धिमत्ता से किया गया डिज़ाइन प्रतीत होता है।डॉ सून का यह…

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नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय एशियाई योगासन चैंपियनशिप में 16 देश भाग लेंगे। यह आयोजन इंदिरा गांधी स्टेडियम में 29 से 31 मार्च तक होना है।केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय योगसासन खेल महासंघ से संबंद्ध योगसासन भारत के सहयोग से आयोजित चैंपियनशिप योगसासन का उद्देश्य योग की समृद्ध विरासत और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक प्रदान करना है। माना जा रहा है कि ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया, वर्ल्ड योगसासन, एशियन योगसासन और योगसासन इंद्रप्रस्थ द्वारा समर्थित यह आयोजन ओलंपिक पाठ्यक्रम में योग को शामिल करने के लिए एक रोडमैप बनाने में भी मदद करेगा।केंद्रीय खेल मंत्री…

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भारत में बढ़ता वजन एक महामारी बन चुका है। शारीरिक श्रम में कमी और खाद्य तेल के सेवन में अधिकता के कारण समस्या विकराल रुप धारण कर चुकी है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इस स्थिति को आपातकाल कह सकते हैं। वैज्ञानिक शोधों से प्रमाणित हो चुका है कि खाद्य तेल के सेवन में कमी और नियमित योग साधना से कैलोरी जलती हैं, चयापचय बढ़ता है, और कोर्टिसोल कम होता है। इससे पेट की चर्बी कम होती है। मोटापे और इसके जोखिमों से निपटने में मदद मिलती है।द लैंसेट के एक ताजा अध्ययन के मुताबिक, सन् 2022 तक देश में कोई…

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लाखों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए, आयुष मंत्रालय ने आठ लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कीं, जिससे महाकुंभ मेले के दौरान उनकी पवित्र यात्रा सुरक्षित और स्वस्थ रही।आयुष मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, 20 आयुष ओपीडी स्थापित करने से लेकर मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों की तैनाती तक, 90 से अधिक डॉक्टर और 150 स्वास्थ्यकर्मी पूरे भव्य आध्यात्मिक आयोजन के दौरान निरंतर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए अथक प्रयास किया गया था। इन समर्पित प्रयासों ने सुनिश्चित किया कि भक्त, कल्पवासी और संत बिना किसी स्वास्थ्य संबंधी चिंता के पवित्र…

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योग की जितनी भी शाखाएं हैं, सबका आधार शिव-पार्वती संवाद ही है। विज्ञान भैरव तंत्र के मुताबिक इसी रात्रि को मानव जाति के कल्याण के लिए, आत्म-रूपांतरण के लिए शिव ने अपनी प्रथम शिष्या पार्वती को एक सौ बारह विधियां बताई थी, जो योग शास्त्र के आधार हैं। इसके बाद ही मत्स्येंद्रनाथ का प्रादुर्भाव हुआ। शिष्य गोरखनाथ और नाथ संप्रदाय ने योग का जनमानस के बीच प्रचार किया। इस तरह पाशुपत योग के रूप में हठयोग, राजयोग, भक्तियोग, कर्मयोग आदि से आमजन परिचित हुए। योग और अध्यात्म के आलोक में महाशिवरात्रि की समझ विकसित करना बड़े काम का होगा।महाशिवरात्रि का…

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इस्कॉन (अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ) के वरिष्ठ संन्यासी और प्रचारक इंद्रद्युम्न स्वामी की आत्मकथा “एडवेंचर्स ऑफ ए ट्रैवलिंग मॉंक” चर्चा में है। इस पुस्तक में स्वामी जी के वैश्विक प्रचार और आध्यात्मिक यात्राओं की यादें हैं। उनके 52 वर्षों के अनुभव, विभिन्न देशों में भक्ति प्रचार, उत्सवों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और इस्कॉन के संदेश को फैलाने के प्रयासों का जीवंत चित्रण किया गया है।वे अपने गुरु श्रील प्रभुपाद के निर्देशानुसर विभिन्न महाद्वीपों में कृष्णभावनामृत का प्रचार करते रहे और भक्ति योग, कीर्तन और सत्संग के माध्यम से आध्यात्मिक संदेश फैलाते रहे। यात्रा के दौरान नाना प्रकार की चुनौतियों के बावजूद अफ्रीका, यूरोप,…

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दुनिया का विशालतम आध्यात्मिक संगम यानी प्रयागराज महाकुंभ अब समापन की ओर है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से कहना होगा यह महाकुंभ आत्मा की अनंत शक्ति का प्रकटीकरण है। विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और देशों के लोगों का एक मंच आ जाने से भारत की इस मान्यता को बल मिला कि वह अपनी प्राचीन परंपराओं को आधुनिकता के साथ जोड़कर एक समृद्ध और शक्तिशाली समाज का निर्माण करने में सक्षम है। भारत की आध्यात्मिक शक्ति का असर देखिए कि महाकुंभ में करोड़ों भारतीयों के अलावा बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालुओं ने भी हिस्सा लिया। 82 देशों के मीडिया ने इसे कवर करके मानव…

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महाकुंभ मेले के दिव्य वातावरण में, आफ्टरनून वॉइस की संस्थापक संपादक वैदेही तमन की नवीनतम पुस्तक “मोनास्टिक लाइफ: इंस्पायरिंग टेल्स ऑफ एंब्रेसिंग मॉकहुड” का विमोचन किया गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर डॉ. उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज सहित अनेक संतों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इसे आधुनिक आध्यात्मिक साहित्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बना दिया।पुस्तक का अनावरण करते हुए महामंडलेश्वर डॉ. उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज ने इसे असाधारण व्यक्तियों की आध्यात्मिक यात्रा का गहन प्रतिबिंब” बताया। साथ ही कहा, “यह पुस्तक दर्शाती है कि सच्चे आध्यात्मिक साधक के निर्माण में शिक्षा और ज्ञान कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जो लोग…

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