Author: Kishore Kumar

Spiritual journalist & Founding Editor of Ushakaal.com

किशोर कुमार //     नवसंवत्सर की शुरूआत ही देवी की आराधना से होगी। सृष्टि की रचना देवी से हुई थी। ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीकात्मक रूप भी वे ही हैं। उपनिषद में कहा गया है कि पराशक्ति ईश्वर की परम शक्ति है। यही विविध रूपों में प्रकट है। आत्मज्ञानी संत प्राचीनकाल से कहते रहे हैं कि देवी या शक्ति सभी कामनाओं, ज्ञान और क्रियाओं का मूलाधार है। अब वैज्ञानिक भी कह रहे हैं कि प्रत्येक वस्तु शुद्ध अविनाशी ऊर्जा है। यह कुछ और नहीं, बल्कि उस दैवी शक्ति का एक रूप मात्र है, जो अस्तित्व के प्रत्येक रूप में मौजूद…

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