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Author: Neha Parashar
परंपरागत योग, पारंपरिक परिधान : सराहनीय पहल
पारंपरिक परिधान साड़ी में योग का प्रयोग स्वागत योग्य है। आधुनिक युग में योग जैसे ही योगा बना, साड़ी जैसे पारंपरिक परिधान से मानो नाता तोड़ दिया गया। कसरती स्टाइल के योगा को ग्लैमरस दिखाने के लिए शालीनता की तमाम सीमाओं को तोड़ते हुए तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। पर, योग के लिए साड़ी के प्रयोग को रूपक के तौर पर लिया जाना चाहिए। परिधान और भी हैं, जो देशकाल के लिहाज से धारण किए जाते हैं और शालीन भी होते हैं। वैसे, साड़ी भारत का सबसे प्रतिनिधि परिधान है। भारत के गौरवशाली इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो…
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