पुनर्स्थापना एवं विश्व महर्षि वेद विज्ञान के सिद्धांतों तथा व्यवहारिक तकनीकियों से अवगत कराने वाले महामनीषी महर्षि महेश योगी का अवतरण दिवस (12 जनवरी) इस बार प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मनाया जाना है। यह कार्यक्रम एक दिन का न होकर महाशिवरात्रि तक चलने वाला लंबा कार्यक्रम होगा। प्रयागराज स्थित समाधिस्थल के प्रबन्धक सुनील श्रीवास्तव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके यह जानकारी दी है।
गंगा-यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर बसी प्रयाग नगरी से महर्षि योगी का अप्रतिम लगाव रहा है और उनकी शिक्षा दीक्षा का भी केन्द्र रहा है। इसलिए पावन संगम तट के निकट स्थित महर्षि वेद विज्ञान स्मारक महर्षि स्मारक के भव्य एवं दिव्य परिसर में जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती, बद्रिका आश्रम हिमालय की उपस्थिति में जयंती समारोह आयोजित किया जाएगा।
उक्त अवसर पर भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं के माध्यम से विश्व शांति की स्थापना विषय पर भव्य संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। उत्सव 12 जनवरी को सुबह साढ़े दस बजे से प्रारम्भ होगा। कार्यक्रम में गुरुपूजन, महर्षि वैदिक पंडितों द्वारा वैदिक शांति पाठ, सन्तों तथा वैदिक विद्वावानों का सम्मान, भारत के महर्षि शैक्षणिक संस्थान समूह के अध्यक्ष, वेद मार्तण्ड ब्रम्हचारी गिरीश जी का मुख्य सम्बोधन तथा महर्षि योगी के पाँच दशक की उपलब्धियों पर आधारित वृत्तचित्र का प्रदर्शन एवं शंकराचार्य का आशिर्वाद भी सम्मिलत होगा।
इस अवसर पर महर्षि वैदिक पंडितों द्वारा रुद्राष्टाध्यायी के 1331 जाप और हवन के साथ 31 अतिरुद्राभिषेक महायज्ञ का भी आयोजन किया जायेगा। इस दौरान एक-एक सप्ताह के लिए श्रीमद भागवत महापुराण कथा, शिव महापुराण कथा, श्रीमद् देवी महापुराण कथा और श्री रामकथा का रसपान भी आने वाले श्रद्धालुगण प्राप्त करने के साथ ही महर्षि विद्या मंदिर संस्थानों के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। इसी कड़ी में महर्षि जी के भावातीत ज्ञान एवं तकनीकों की जानकारी भी दी जाएगी।